भगतसिंह

उनका मक़सद था आवाज़ को दबाना अग्नि को बुझाना सुगंध को क़ैद करना तुम्हारा मक़सद था आवाज़ बुलन्द करना अग्नि को हवा देना सुगन्ध को विस्तार देना वे क़ायर थे उन्होंने तुम्हें असमय मारा तुम्हारी राख को ठंडा होने से पहले ही प्रवाहित कर दिया जल में जल ने अग्नि को और भड़का दिया तुम्हारी … Continue reading भगतसिंह